google.com, pub-1705301601279513, DIRECT, f08c47fec0942fa0/> 3.44 करोड़ से संवरे तालाब के एसटीपी में गिरा मासूम, मौत

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3.44 करोड़ से संवरे तालाब के एसटीपी में गिरा मासूम, मौत

लखनऊ। गुडंबा थाना क्षेत्र के शंकरपुरवा वार्ड द्वितीय में सोमवार को पार्क में बने एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में रितेश (8) मासूम की गिरने से मौत हो गई। हादसे की जानकारी होने पर इलाके में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को चैम्बर से बाहर निकाल लिया गया। पुलिस की मदद से उसे सीएचसी गुडंबा ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत के बाद मौके पर पहुंचे माता-पिता बदहवास हो गए। अपने कलेजे के टुकडे को मृत देखकर खुद को कोस रहे थे। जिन बच्चों के अच्छे परवरिश के लिए वह बिहार से लखनऊ आए थे, वहां नगर निगम के लापरवाह अफसरों ने उसके बेटे को छिन लिया।



सोमवार को शाम करीब छह बजे यह हादसा उस वक्त हुआ, जब अभिनव स्कूल के पास बने एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में रितेश खेल रहा था। बिहार निवासी पिता विजय कुमार राम माता मजदूरी करते हैं। उनके पास रहने का स्थान नहीं है। रविवार की रात वह अपने बच्चों के साथ यही तालाब के पास ठहरे थे। सोमवार को विजय कुमार पत्नी कमरा देखने चले गए, जबकि रितेश अपने भाईयों के साथ खेल रहा था। इस बीच शाम छह बजे तालाब के एक तरफ बने एसटीपी के खुले चैम्बर में रितेश फिसल गया। स्थानीय लोगों के अनुसार बड़ी-बड़ी घास गंदगी तथा अंधेरे के बीच रितेश के गिरने की करीब एक घंटे बाद लगी। टैंक में मासूम के गिरने की जानकारी होते ही आस-पास के लोग इकठ्ठा हो गए। आनन फानन में गुडंबा थाने से अवधेश कुमार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे को टैंक से बाहर निकाला और सीएचसी लगे गए। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। वहीं मौके पर पहुंचे जोनल अधिकारी जोन सात आकाश कुमार ने बताया कि एसटीपी के चैंबर में बच्चा गिर गया था। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

 


रहने की नहीं थी जगह, तलाश रहे थे कमरा

बिहार निवासी विजय कुमार यहां मजदूरी करता है। रितेश दूसरे नंबर का बेटा है जबकि उसके पांच भाई-बहन हैं। विजय कुमार ने बताया वह परिवार संग यहां मजदूरी के लिए आए थे। पहले वह प्रजापति मार्केट के पास कमरा किराये पर लेकर रह रहे थे। लेकिन उनके मकान मालिक ने घर से निकाल दिया था, सोमवार को बच्चों को यहां तालाब के पास छोड़कर कमरा देखने गए थे। उन्हें क्या पता था असल में रितेश उन्हें छोड़कर चला जाएगा।

पांच भाई-बहन में दूसरे नंबर पर था रितेश

विजय कुमार ने बताया उसके पांच भाई-बहन रितेश दूसरे नंबर पर था। वह पढ़ना चाहता था। इसी उम्मीद से वह घर से दूर यहां तक आया था। लेकिन रितेश की मौत ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। इस पूरे मामले को लेकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने तो फोन उठाया और ही कोई प्रतिक्रिया दी।

 


वर्ष 2022 में आशुतोष टंडन ने किया था उद्घाटन

पूर्व नगर विकास मंत्री स्व. आशुतोष टंडन ने तालाब का सौंदर्यीकरण कराया था। उन्होंने इसका उद्घाटन भी किया था लेकिन उनके जाने के बाद यह बदहाल हो गया है। यही पर एसटीपी भी बना है, जिसके चैम्बर के ढक्कन खुले हुए हैं, आसपास बड़ी-बड़ी घास निकल आई है। तो कोई सुरक्षा व्यवस्था है, ही चेतावनी बोर्ड, और ही कोई देखरेख करने वाला कर्मचारी मौजूद रहता है। शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड के अन्तर्गत फूलबाग कोलोनी गायत्रीपुरम में स्थित तालाब का 344.64 लाख में सौंदर्यीकरण किया गया है। वर्ष 2021 में इस योजना में जल शोधन कार्य के लिए एसटीपी निर्माण कार्य, तालाब भूमि की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण तालाब क्षेत्र रिटेनिंग वॉल का कार्य पाथ-वे लाइटिंग ग्रीनरी (हरित पट्टिका) आदि कार्यों का तालाब सौन्दर्यीकरण किया गया था। तत्कालीन नगर विकास मंत्री ने जनवरी 2022 में इसका उद्घटन किया था।

 



नगर निगम से शिकायत, नहीं सुधरे हालात

स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि दीपक तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस एसटीपी की बदहाल स्थिति को लेकर कई बार नगर निगम से कह चुके हैं। उन्होंने लगातार पत्राचार और मौखिक रूप से चेतावनी दी थी कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बावजूद इसके, नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की और आज एक मासूम की जान पर बन आई।

 


लापरवाही से गयी बच्चे की जान

स्थानीय लोगों में नगर निगम की इस घोर लापरवाही को लेकर भारी रोष है। उनका कहना है कि अगर समय रहते एसटीपी को सुरक्षित किया गया होता, तो यह दर्दनाक हादसा टाला जा सकता था। घटना के बाद मौके पर लक्ष्मी सिक्योरिटी के गार्डों को तैनात कर दिया गया। मीडिया को कवरेज करने से रोकने का प्रयास किया गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय पार्षद का कार्यालय भी बनाया गया है। तालाब के रखरखाव को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लाखों रुपये की लागत से बना यह तालाब पार्क पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है।

 

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