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लखनऊ में 52.23 और मोहनलालगंज पर 62.74 फीसदी हुआ मतदान

62.53 % के साथ मोहनलालगंज ने मारी बाजी, लखनऊ ने किया निराश

ईवीएम में कैद हुआ दो केंद्रीय मंत्रियों के भाग्य का फैसला

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में लखनऊ और मोहनलालगंज सीट पर शाम छह बजे तक 56.64 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमे लोकसभा लखनऊ का 52.23 प्रतिशत और मोहनलालगंज सुरक्षित सीट का 62.53 प्रतिशत रहा। चुनाव सम्पन्न होने के साथ ही लखनऊ और मोहनलालगंज सीट से भाजपा के दो केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा ईवीएम में कैद हो गई। मोहनलालगंज से भाजपा के उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर और लखनऊ सीट से भाजपा के प्रत्याशी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का भविष्य सोमवार को ईवीएम में कैद हो गया। लखनऊ सीट पर शाम 6 बजे तक 52.03 प्रतिशत और मोहनलालगंज सीट पर 62.74 फीसदी मतदान हुआ। शाम छह बजे तक कुल 56.64 प्रतिशत वोट पड़े। वर्ष 2019 में मोहनलालगंज सीट पर 62.74 और लखनऊ सीट पर 54.72 फीसदी मतदान हुआ था। आज तक जो पोस्टल बैलेट प्राप्त हुए हैं उसमे लोक सभा  मोहनलालगंज 3653, लखनऊ में 5511, उप निर्वाचन 173 लखनऊ पूर्व में 1166 वोट पडे। 



लखनऊ का विधानसभावार वोटिंग प्रतिशत

171 पश्चिम 54.23

172 उत्तर 51.48

173 पूर्व 52.24

174 मध्य 52.42

175 कैंट 49.28

कुल प्रतिशत 52.23%


मोहनलालगंज का विधानसभावार वोटिंग प्रतिशत

152 सिधौली         66.49

168 मलिहाबाद     63.90

169 बीकेटी           65.68

170 सरोजनीनगर  54.44

176 मोहनलालगंज 66.30

कुल प्रतिशत 62.53%



दूरी और कड़ी धूप भी नहीं रोक सकी वोट करने से

शहर की अपेक्षा ग्रामीण अंचल में वोट ज्यादा पड़े। जहां सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर वोट देने वालों की लाइने लगने लगी तो वहीं 9 बजे के बाद कड़ी धूप में भी लाइन कम होते नहीं दिखी। मतदान केन्द्र से 4 से 6 किलोमीटर दूर होने के बाद भी लोग वोट किसी न किसी साधन से और पैदल वोट करने पहुंच रहे थे। बीकेटी तहसील अंतर्गत आने वाले कई मतदान केन्द्रों पर यह नजारा देखने को मिला। प्राथमिक विद्यालय अजनहर पर वोट करने आयी फातिमा, नूरजहां और शबनम ने बताया कि वह भिटौली में रहती है। उनका घर मतदान केन्द्र से 5 किलोमीटर दूर है फिर भी वोट डालने आयी है। इसी तरह बीकेटी के कठवारा स्थित कम्पोजिट स्कूल में बने 4 बूथों पर लम्बी लाइन मिली। इस मतदान केन्द्र पर आठ गांव के 6 हजार वोटर है। मतदान केन्द्र की दूरी 3 से 4 किलोमीटर है। यही हाल प्राथमिक विद्यालय अर्जुनपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय इंटौजा में देखने को मिला। दूरी चाहे कितनी हो पर वोट डालने आ रहे महिला बुजुर्ग और युवाओं का जज्बा देखते बन रहा है। सभी लोग शांति से बिना प्रशासन को कोसे वोट डालने आते दिखे।



1962 से मतदान प्रतिशत का रिकॉर्ड नहीं तोड़ सका लखनऊ

देशभर में अपनी कला-संस्कृति, साहित्य और तहजीब के लिए मशहूर लखनऊ 1962 से मतदान प्रतिशत का रिकॉर्ड नहीं तोड़ सका है। उस वर्ष 58.49 प्रतिशत वोट पड़े थे। साल 1991 में मतदान प्रतिशत 33.23 ही रहा। अचानक से मत प्रतिशत में गिरावट हुई तो राजनेता भी चकित रह गए। तब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने पहले मतदान, फिर जलपान का नारा दिया और घर-घर जाकर वोट प्रतिशत बढ़ाने की अपील की। समय के साथ लखनऊ में बहुत बदलाव आए। मतदान प्रतिशत में उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन अब भी यहां के मतदाता 60 प्रतिशत का आंकड़ा नहीं छू सके हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 53.06 प्रतिशत ही वोटिंग हुई। साल 2019 के चुनाव में मत प्रतिशत बढ़कर 57.68 पहुंचा, लेकिन 1962 के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया। इस बार लखनऊ प्रशासन ने 70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य निर्धारित किया था। प्रशासन, नगर निगम व एलडीए ने मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के लिए भरसक प्रयास किया। इसके अलावा लोगों को फोन और मैसेज कर बूथ तक बुलाया गया। इतना ही नहीं सबसे पहले मतदान करने वाले को प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किए जाने की बात कही गई। बड़ी संख्या में आदर्श मतदान केंद्र बनाए गए, यहां धूप से बचाव के लिए टेंट, कुर्सी, सोफा की व्यवस्था की गई थी तो कूलर भी लगे थे। मतदाताओं की हर सुविधा का ध्यान रखा गया। ठंडे पानी के साथ मट्ठा व दही भी दिया गया तो सेल्फी प्वाइंट बनाए गए थे। मगर इसका भी मतदाताओं पर कोई खास असर नहीं हुआ। 



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