तेल न देने पर ईसी एक्ट के तहत सीज होंगे पंप
लखनऊ। राजधानी में पेट्रोल, डीजल की कमी की अफवाह के दृष्टिगत जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार देर रात जीपीओ स्थित पेट्रोल पम्प पहुंचे। यहां पेट्रोल व डीजल पर्याप्त मात्रा में पाया गया। डीएम ने कहा अफवाह फैलाने वाले पर कड़ी कार्यवाही होगी। जनपद में पेट्रोल और डीजल की बिल्कुल कमी नहीं, डिपो से निरंतर सप्लाई की जा रही है। जिला प्रशासन की टीमों के द्वारा पेट्रोल पंपों का निरीक्षण किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की कालाबाजारी बर्दाश्त नही की जाएगी। पेट्रोल, डीजल नही देने वाले पंपों के विरुद्ध ईसी एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए पंप को सीज कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि हड़ताल को खत्म कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ में जरूरी सेवाएं बाधित नहीं होने दी जायेंगी। सभी एसोसिएशन से बातचीत जारी है। यदि निजी डीलर्स और ट्रांसपोर्टर्स की ओर से व्यवधान उत्पन्न किया गया तो कार्रवाई होगी। अमौसी तेल डिपो पर सुरक्षा की व्यवस्था कर दी गई है,टैंकर्स को भी सुरक्षा दे रहें। वहीं प्रदेश में हड़ताल को लेकर परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से कहा गया है कानून अभी लागू नहीं हुआ है। कानून लागू होने के बाद ही इसका स्वरूप परिभाषित किया जा सकेगा। उन्होंने सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को बसों के सुगम संचालन के लिए यूनियन, आरएम व एआरएम के साथ बैठक कर वार्ता करने के निर्देश दिए हैं।इस हालात पर इंडियान आॅयल कारपोरेशन के कार्यकारी निदेशक एवं राज्य प्रमुख व तेल तेल उद्योग के राज्य स्तरीय समन्वयक राजेश सिंह ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में प्रमुख शहरों में स्थित पेट्रोल पंपों एवं एलपीजी एजेंसियों में पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल, डीजल एवं एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध हैं। कहीं भी ड्राई आउट जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है। साथ ही लोगों से अपील भी की है कि किसी भी प्रकार की गलत सूचना पर ध्यान न दें। जरूरत के हिसाब से ही पेट्रोलियम उत्पाद खरीदें। उधर, मासूम अली सरवर, प्रबन्ध निदेशक ने आरएम, एआरएम, एसएम के साथ बैठक कर संचालन सामान्य कराने के सभी प्रयास किये जाने के लिए निर्देशित किया गया। कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक की गई।
पेट्रोल पंप पर लगी लंबी कतारें तेल न मिलने पर हंगामा, पंपों पर लटक गए ताले
सब्जियों के दाम में भी उछाल, दूध, सिलेंडर के लिए परेशानी
हिट एंड रन से जुड़े नए कानून के तहत दुर्घटना होने पर चालकों को जुमार्ना और सजा का प्रावधान है। हालांकि, यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है, लेकिन इसके विरोध में राजधानी समेत यूपी के जिलों में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रक, टैक्सी और बस ड्राइवर आंदोलन पर उतर आए हैं। सरकारी, प्राइवेट वाहन चालक स्टेरिंग छोड़कर प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के टैंकर भी नहीं चल रहे हैं। पेट्रोल-डीजल खत्म होने की अफवाह के चलते पंपों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे कई जिलों में पेट्रोल पंप पर तेज खत्म हो गया है। कई शहरों में पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने के लिए गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारे लग गई। तेल न मिलने पर वाहन चालकों ने जमकर बवाल काटा। पम्प मालिकों से नोकझोंक हुई। पेट्रोल डीजल संघ लखनऊ के अध्यक्ष दयाशंकर सिंह का कहना है कि करीब 70 फीसदी पंप ड्राइ होने के कगार पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा बस और सवारी वाहन नहीं चलने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं, सब्जियों के दाम में भी उछाल देखा जा रहा है। भारतीय किसान एवं आढ़ती वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नजमुद्दीन राइनी की माने तो दुबग्गा मंडी में आसपास के जिलों के अलावा कई प्रदेशों से सब्जियां आती है। अगर हड़ताल लम्बी खिची तो सब्जियों के दाम भी बढ़ जायेंगे।
राजधानी में मंगलवार को दोपहर बाद पेट्रोल की कमी की सूचना के चलते लोग तेल लेने के लिए पेट्रोल पंप पर उमड़ पड़े। ड्राइवरों की हड़ताल के चलते लखनऊ में पेट्रोल पंप पर तेल के लिए मारा-मारी मची हुई है। टैंकरों की हड़ताल के चलते पेट्रोल टंकियां तक तेल नहीं पंहुचा है। अभी तक पेट्रोल टंकियों पर पहले से स्टॉक तेल बेचा जा रहा है। कैम्पल रोड, स्थित एस्सार पेट्रोल टंकी पर तेल खत्म हो गया है। ठाकुरगंज के पेट्रोल टंकियों पर तेल लेने की होड़ मची लगी रही। तेल लेने वालों की भीड़ से रोड पर भीषण जाम लग गया। दरअसल ट्रक ड्राइवरों के हड़ताल पर जाने का असर पेट्रोलियम आपूर्ति पर भी हुआ। यूपी के नए कानून के विरोध में रोडवेज बस अड्डे परिसर में चालकों ने बस खड़ा कर दिया। ड्राइवरों ने कानून के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ा। रोडवेज ड्राइवरों में प्राइवेट चालकों से डर बना हुआ है। मगंलवार की सुबह ही अवध डिपो पर प्राइवेट चालकों और परिवहन निगम के चालको में कहासुनी हो गयी। बात इतनी बढ़ गयी कि दोनों तरफ से दर्जन भर लोग आपस में भीड़ गये जिससे अयोध्या रोड पर चिनहट तिराहे के पास जाम लग गया। बस नही चलने से प्राइवेट गाड़ी चालकों ने यात्रियों से दो गुने पैसे वसूले।
हिट एंड रन कानून में बदलाव को लेकर ट्रांसपोर्ट आॅपरेटर और ड्राइवरों में भय का माहौल है। कोई भी ड्राइवर स्टीयरिंग पकड़ने को तैयार नहीं है। चारबाग रेलवे बस स्टेशन, कचहरी बस स्टेशन पर चालकों ने गाड़ियां खड़ी कर हड़ताल शुुरु कर दिया जिससे बीच सड़क पर जाम लग गया। जिससे आसपास व दूरदराज के इलाकों में जाने वाले यात्री सुबह से ही भटकते हुए नजर आए। विरोध में आॅटो चालक भी शामिल रहे। इसका असर पेट्रोलियम तेल पर भी पड़ा है। लखनऊ के हजरतगंज स्थित पेट्रोल पंप पर गाड़ियों में तेल भरवाने के लिए लोगों का देर रात तक तांता लगा रहा है। दरअसल लोग टैंक फुल कराने में लगे रहे, जिससे अगर हड़ताल लंबी चली तो पेट्रोल या डीजल जैसी समस्या का सामना न करना पड़े। वहीं पीछे कतार में लगे वाहन चालकों से बहस भी हुई। आलमबाग, चारबाग सहित अन्य जगहों पर कई चार पहिया गाड़ियां पेट्रोल कम होने के कारण खड़ी हो गयी। शहर के जवाहर भवन, बादशाह नगर, गोमती नगर, इन्दिरानगर पेट्रोल पंप पर नो पेट्रोल-डीजल की तख्ती लग गई। वहीं जहां पेट्रोल-डीजल का स्टॉक बचा हुआ है, वहां टंकी फुल कराने की मारामारी रही। हाल यह था कि कई पंपों पर तेल खत्म होने के बाद भी लोग खडेÞ रहे। गोमतीनगर के विभूति खण्ड के पेट्रोल पंप के मालिक सहित शहर के अन्य मालिकों ने बताया कि मगंलवार रात पेट्रोल डीजल नहीं मिला तो उनकी टंकी खाली हो जायेगी। आशियाना में पेट्रोल डीजल की आपूर्ति पर फिलहाल कोई असर नहीं है। रोडवेज और प्राइवेट बसें चलने लगी हैं।
दूध की सप्लाई भी हुई प्रभावित
हड़ताल के कारण दूध की सप्लाई प्रभावित हो गई। वाहन चालक डेरी से दूध लेने नहीं गए और ना बाहर से रायबरेली, सुल्तानपुर से दुध लखनऊ में भी नही आ सका। दूध की गाड़ियां समय पर नही पहुंच सकी, जिससे होटलों पर चाय तक नही बन सकी। सुल्तानपुर रोड पर बने फैक्ट्री से समय पर दूध, दही और पनीर दुकानों पर नही पहुंच सका। लगभग हजारों लीटर दूध खराब होने की सूचना भी आने लगी। इसी क्रम में लोगों को भारत गैस, इंडेन गैस एजेंसी के गोदामों से रसोई गैस सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है।
डिपो से टैंकर निकालने में चालक डरे
हड़ताल होने से यात्री सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। इंडियन आयल के रिफाइनरी के एक अधिकारी ने बताया कि वहां से पेट्रोलियम उत्पादों के टैंकर बराबर निकल रहे हैं। ऐसा हो सकता है कि जाम या किसी अन्य अड़चन के चलते वो गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंचे हों।
रोडवेज को दो दिनों में 15 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम पर चालकों के हड़ताल से परिवहन विभाग को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश भर में मंगलवार एक बजे तक के आंकड़ों के अनुसार 41 फीसद बसों का ही संचालन अब तक हुआ है। बस चालकों की हड़ताल से रोडवेज को दो दिन में 15 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। हड़ताल के दूसरे दिन रोडवेज की 5387 बसों में से 3202 बसों का संचालन हुआ। लखनऊ में 520 बसों में से 172 बसें रूट पर रवाना की गई हैं। लखनऊ रीजन से रोजाना 1000 से ज्यादा बसों का संचालन होता है। हड़ताल के चलते 520 बसों में से सिर्फ 172 बसें ही संचालित हो पा रही हैं। करीब ढाई सौ अनुबंधित बसें भी चलती हैं, लेकिन काफी कम बसें संचालित की गई हैं। हरदोई रीजन में सिर्फ चार फीसद बसों का संचालन हुआ। गोरखपुर रीजन में आठ फीसद बसें रवाना हुईं।
यात्रियों, चालकों के साथ ट्रक चालकों ने की अभद्रता
हड़ताल के दूसरे दिन भी रोडवेज के चालकों ने बस संचालन करने पर विरोध किया। कई जगह चालकों से अभद्रता की भी बात सामने आई है। प्रदेश के कुछ इलाकों में यात्रियों और चालकों के साथ ट्रक चालकों ने गलत व्यवहार किया है। इसी वजह से चालक रूट पर बसें ले जाने से भी कतरा रहे। वहीं लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने अनुबंधित बस मालिकों के साथ बैठक की। अनुबंधित बस मालिकों से कहा कि अफवाहों में बिल्कुल न आएं। चालकों से बसों का संचालन कराएं। इसके बाद अनुबंधित बस मालिकों ने भी क्षेत्रीय प्रबंधक को भरोसा दिया कि बसों का संचालन कराया जाएगा। कई अनुबंधित बस मालिकों ने चालकों को बुलाकर रूट पर बसें रवाना कीं।
रोडवेज बसों का किया जा रहा संचालन
उत्तर प्रदेश रोडवेज मजदूर संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि कैसरबाग बस स्टेशन से बसों का संचालन कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। यात्रियों को दिक्कत न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुबह से तीन दर्जन से ज्यादा बसें रूट पर रवाना भी की गई हैं। हड़ताल की जानकारी होने से यात्रियों की संख्या बस स्टेशन पर कम हो गई है।
दिल्ली: अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस की बैठक पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, "हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं, हम ये भी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।'
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