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लखनऊ मेट्रो में 7 करोड़ यात्रियों ने किया सफ़र

● यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार ने यात्रियों के निरंतर विश्वास के लिए जताया आभार

● लॉस्ट एंड फाउंड सेल ने 28 लाख से अधिक नगदी मेट्रो यात्रियों को की वापस  
लखनऊ। लखनऊ मेट्रो ने 6 साल से भी कम समय के व्यावसायिक परिचालन में 7 करोड़ यात्रियों को मेट्रो सेवाएं प्रदान की। लखनऊ मेट्रो की 5 सितंबर 2017 को व्यवसायिक सेवाएं आरंभ होने के साथ ही लखनऊ मेट्रो ने शहर वासियों के दिलों को जीत कर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में अपनी एक खास जगह बनाई है। इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने लखनऊ मेट्रो की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि हमारे मेट्रो यात्रियों के प्यार एवं भरोसे की वजह से हम इतने कम समय में यह आंकड़ा हासिल कर पाए हैं। शहर को साफ-सुथरी, आरामदायक, सुरक्षित एवं तेज़ मेट्रो सेवा देने के लिए हमारी लखनऊ मेट्रो की पूरी टीम दिन-रात काम करती है। उन्होंने कहाकि लखनऊ मेट्रो अपने सभी यात्रियों को उनके निरंतर विश्वास और सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता है।


लखनऊ मेट्रो से जुड़ी कुछ ख़ास बातें
लखनऊ मेट्रो के लॉस्ट एंड फाउंड सेल ने यात्रियों के मेट्रो परिसर में अब तक छूटे 28 लाख रुपये लौटाए। लखनऊ मेट्रो में यात्रियों के छूटे बैग, पर्स एवं अन्य मूल्यवान वस्तुएं यात्रियों को सुरक्षित लौटाई गई।   
लखनऊ मेट्रो यूवी किरणों से मेट्रो ट्रेन एवं टोकन को सैनेटाइज करने वाली बनी देश की पहली मेट्रो
पैंटोग्राफ की ऑटो ड्रॉप सुविधा ओ.एच.ई को नुकसान से बचाने में सहायक 
पैंटोग्राफ और 25 के.वी ओएचई की निरंतर निगरानी के लिए ट्रेन की छत पर कैमरा
100 प्रतिशत एल.ई.डी इस्तेमाल करने वाली देश की पहली मेट्रो 
लखनऊ मेट्रो के निर्माण चरण में डिजाइन में बदलाव कर 537 पेड़ो को कटने से बचाया गया और 410 पेड़ों को काटने के बजाय स्थानातरित किया गया।
2 लाख लीटर प्रति वर्ष वर्षा जल संरक्षण की क्षमता
गाड़ियों और लिफ्टों में पुनर्योजी ब्रेकिंग के उपयोग से कुल ऊर्जा का 1/3 हिस्सा बचता है जो सिस्टम को वापस भेजा जाता है।
स्वच्छ राष्ट्र निर्माण हेतु लखनऊ मेट्रो द्वारा विभिन्न हरित पहल
हर स्टेशन पर करीब 50-60 सीसीटीवी कैमरों के साथ पूरे स्टेशन के कोने-कोने की निगरानी
प्रत्येक मेट्रो स्टेशन पर महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती
प्रति ट्रेन 20 सीसीटीवी कैमरे
मेट्रो यात्री आपातकाल के समय समय ट्रेन में लगे पैसेंजर इमरजेंसी इंटरकॉम (PEI) के माध्यम से ट्रेन संचालक से संवाद कर सकते हैं। ट्रेन में लगे सीसीटीवी फुटेज का लाइव प्रसारण ट्रेन कैब, डिपो नियंत्रण कक्ष एवं सुरक्षा नियंत्रण कक्ष में होता है। 
महिला यात्रियों के लिए हर कोच में प्राथमिक सीट की सुविधा 
लखनऊ मेट्रो के ट्रेन संचालन, सिविल, वैद्युत, रखरखाव, रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग, वित्त आदि सभी तकनीकी और प्रबंधकीय विभागों में महिलाएं की अधिक कार्यबल।

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