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राजभवन में अलंकृत होंगी 18 कला विभूतियां

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी का सम्मान समारोह 13 जून को

उप्र और मप्र के बीच होगा सांस्कृतिक अनुबंध
लखनऊ। राजभवन लखनऊ के गांधी सभागार में 13 जून को जहां प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सम्मानों से 18 विद्वानों को अलंकृत करेंगी, वहीं इस दिन होने वाले करार के साथ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच सांस्कृतिक सेतु का नया अध्याय प्रारम्भ हो जायेगा। 13 जून को सुबह 10 बजे से राजभवन के गांधी सभागार में राज्यपाल ताम्रपत्र और अंगवस्त्र इत्यादि देकर कथक गुरु डा. पूर्णिमा पाण्डे, उपशास्त्रीय व सुगम संगीत गायक युगांतर सिंदूर, श्रद्वेय कुंवरजी अग्रवाल को रंगमंच समीक्षा, उर्मिला श्रीवास्तव को लोकगायन के लिए अकादमी की रत्न सदस्यता से अलंकृत करेंगी। 
बीएम शाह पुरस्कार धारावाहिक चाणक्य के निर्माता निर्देशक व अभिनेता डा. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को नाटक निर्देशन के लिए और सफदर हाशमी पुरस्कार मुम्बई के विपुलकृष्ण नागर को प्रदान किया जायेगा। इस अवसर पर अकादमी पुरस्कार से वाराणसी के महंत प्रो. विशम्भरनाथ मिश्र व डा. अनन्त नारायण सिंह को संयुक्त रूप से संगीत कला उन्नयन, बरेली के डा. बृजेश्वर सिंह को नाट्य कला उन्नयन, गोरखपुर के डा. शरदमणि त्रिपाठी को शास्त्रीय गायन, गौतमबुद्धनगर के ब्रह्मपाल नागर को रागिनी लोकगायन, लखनऊ के पं. रामेश्वर प्रसाद मिश्र को शास्त्रीय गायन, वाराणसी के युवा नर्तक विशाल कृष्णा को कथक नृत्य, महोबा के भूरा यादव राकेश को राई लोकनृत्य, लखनऊ के रंगकर्मी अनिल मिश्रा गुरुजी को नाट्य निर्देशन, वाराणसी के रंगकर्मी अष्टभुजा मिश्र को नौटंकी अभिनय व निर्देशन, वाराणसी के पं. विनोद लेले को तबला वादन और वाराणसी के ही फतेह अली खां को शहनाई वादन को सम्मानित किया जायेगा। 
इस अवसर पर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह व प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम और मध्यप्रदेश की संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास मंत्री उषा ठाकुर व प्रमुख सचिव शिवशंकर शुक्ल तथा सम्बंधित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हांगे। अनुबंध के हिसाब से ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के तहत की जाने वाली गतिविधियों में मध्यप्रदेश की लोक संस्कृति के दल उत्तर प्रदेश दिवस यानी 24 जनवरी और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के बीच प्रदर्शन करेंगे। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश की लोक टोलियाँ मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश के लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगी। साथ ही दोनों भागीदार राज्यों के बीच नाटक, रंगमंच, प्रदर्शनी, संगोष्ठियों के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत किया जाएगा। दोनों राज्यों की सांस्कृतिक विरासत से संबंधित कला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। समारोहों के अवसर पर संयुक्त झांकी तैयार कर दिखाई जाएगी। दोनों प्रदेश के समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाजों, परंपराओं आदि की जानकारी वाली पुस्तक तैयार की जायेगी। विद्यालयों और महाविद्यालयों में वितरण के लिये मध्यप्रदेश भी इसी प्रकार की पुस्तक तैयार कर वितरण के लिये उत्तर प्रदेश को उपलब्ध करायेगा। समारोह में अलंकरण से पहले प्रदेश के कलाकारों का दल ढेढिया नृत्य और मध्य प्रदेश के लोक नृत्यकारों का दल गोण्ड जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य की प्रस्तुति करेंगे।

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