कुशल रणनीति के दम पर सपा से छीन ली मेयर की कुर्सी
नोएडा के विधायक की रणनीति की हो रही है सर्वत्र सराहना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नोएडा के भाजपा विधायक पंकज सिंह ने दूसरे जनपद जाकर इतिहास रचा है। नगर निकाय चुनाव में उन्होंने मेयर की एक ऐसी सीट को छीनकर भाजपा के खाते में डाला है, जिस पर बसपा और सपा का कब्जा था। विधायक पंकज सिंह ने मेरठ मेयर सीट को सपा से छीनकर भाजपा के खाते में डाल दी है। उनकी कुशल रणनीति की चहुंओर सराहना हो रही है। आपको बता दें कि यूपी के नगर निगम मेरठ के मेयर की सीट पर सपा के मेयर थे। इस निकाय चुनाव में भाजपा ने नोएडा के विधायक पंकज सिंह को मेरठ निकाय चुनाव का प्रभारी बनाकर भेजा। जिसके बाद विधायक पंकज सिंह के लिए यह एक चुनौती भरा कार्य हो गया था कि सपा के कब्जे से कैसे मेयर की सीट निकाली जाए।
इस निकाय चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 17 नगर निगम सीटों पर विजय पताका फहराई है। राजनीतिकारों की मानें तो यूपी में निकाय चुनाव जीतना भाजपा के लिए एक चुनौती भरा काम था। वह भी उस हालात में जब पूरा विपक्ष भाजपा विरोधी हो। हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर थीं। उन्होंने चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा और जीता था। लेकिन बाद में वह अपने पति के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई थीं। इस बार भाजपा ने पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया को चुनाव मैदान में उतारा। उनके सामने सपा ने सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दिया। मेरठ में भाजपा के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था। ऐसे में यहां पर नोएडा के विधायक पंकज सिंह की रणनीति बेहद कारगर साबित हुई। प्रत्याशी चयन से लेकर मतदान तक वह मेरठ नगर निगम चुनाव के लिए योजनाकार बने रहे। हरिकांत अहलूवालिया को 2 लाख 35 हजार 953 वोट मिले हैं। भाजपा ने मेरठ नगर निगम में वापसी करते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की है।
आपको बता दें कि इससे पहले वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में पंकज सिंह को बरेली नगर निगम का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा गया था। उस वक्त बरेली नगर निगम पर भी सपा का कब्जा था और आईएस तोमर वहां के मेयर थे। भाजपा ने उमेश गौतम को मैदान में उतारा था। पंकज सिंह ने बरेली में भी शानदार ढंग से मोर्चा संभाला और भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। उमेश गौतम बड़े अंतर से जीतकर मेयर बने थे।
बरेली सदर बाजार के वयोवृद्ध भाजपा नेता और व्यापारी जुगल किशोर कहते हैं, “पंकज सिंह धैर्यवान और सौम्य स्वभाव के धनी हैं। फिर भी वह आसानी से किसी की बात नहीं मानते हैं। लिहाजा, उन्हें झूठे आश्वासन देने की जरूरत नहीं पड़ती है। राजनीति में यह गुण बहुत कम नेताओं के पास होता है। ज्यादातर नेता कार्यकर्ताओं को झूठे आश्वासन देकर फौरी तौर पर निजात पाना चाहते हैं। जब पंकज सिंह ने पिछले नगर निकाय चुनाव में बरेली का प्रभार संभाला था तो यहां गुटबंदी हावी थी। पंकज सिंह का प्रभाव रहा और अच्छे उम्मीदवार चुनने में पार्टी की मदद की। जिसकी बदौलत ना केवल मेयर सीट भाजपा ने हासिल की थी, बल्कि सदन में भी बहुमत हासिल किया था। मैं उन्हें पार्टी के लिए ‘मिस्टर डिपेंडेबल’ मानता हूं।”
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