लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो ने यात्री सेवा के क्षेत्र में उदाहरण पेश कर एक बार फिर साबित किया है कि यह सार्वजनिक यातायात का सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय साधन है। गुरुवार को आलमबाग बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो कर्मियों ने अपने परिवार से बिछड़ चुके कानपुर के एक मासूम बच्चे को, वापस परिवार से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रेलवे ट्रेन से यात्रा करते वक्त बच्चा अपने माता-पिता से बिछड़ चुका था और चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरकर किसी तरह घर जाने की कोशिश कर रहा था। उसकी यह कोशिश अंततः सतर्क और संवेदनशील मेट्रो कर्मियों की वजह से पूरी हुई और वह वापस अपनी मां से मिल सका। बच्चे को वापस पाकर परिजनों ने उत्तर प्रदेश मेट्रो स्टाफ़ की तत्परता, लगन एवं यात्री सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की तथा अपना आभार व्यक्त किया।
दोपहर लगभग 2 बचकर 40 मिनट पर 12 वर्षीय सज्जाद आलम लखनऊ के आलमबाग बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स पर मेट्रो से पहुँचा। सुरक्षाकर्मियों ने छोटे बच्चे को अकेला और परेशान पाकर उससे बात की, तो पता चला कि वह अपने परिवार से बिछड़ गया है। उसने बताया कि वह अपने माता पिता के साथ रेलवे ट्रेन से कानपुर जा रहा था। ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर उसके माता-पिता तो उतर गए पर वह ट्रेन में ही रह गया। इसके बाद जब वह चारबाग स्टेशन पर उतरा तो लोगों ने उसे बताया कि कानपुर जाने के लिए उसे बस आलमबाग बस स्टैंड से मिलेगी। उसने बस स्टैंड जाने के लिए चारबाग मेट्रो स्टेशन का रुख किया और मेट्रो से आलमबाग बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन पहुंच गया। यहां बच्चे को अकेले और परेशान देखकर मेट्रो स्टेशन पर नियुक्त सुरक्षाकर्मी शिवम यादव ने उससे बात की और तुरंत ही इसकी जानकारी स्टेशन नियंत्रक रोशन कुमार सिन्हा को दी। बच्चे से उसके माता पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर की जानकारी लेकर स्टेशन नियंत्रक ने तुरंत ही परिजनों से संपर्क किया। बच्चे के पास आगे जाने के लिए पैसे भी नहीं थे। उसके मां और नाना बच्चे की सूचना मिलते ही उसे लेने कानपुर से बस से रवाना हुए। कानपुर कैंट निवासी अफशां बानो बच्चे के नाना के साथ लगभग 6:30 बजे आलमबाग बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन पहुंचीं। वहां तमाम औपचारिकताओं के बाद बच्चे को उनके सुपुर्द कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश मेट्रो का संपूर्ण स्टाफ़ यात्रियों की सेवा और सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। इस कसौटी पर मेट्रो के कर्मचारी हमेशा ही खरे उतरे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ये घटनाएँ इस बात का सबूत देती हैं कि उत्तर प्रदेश मेट्रो की पूरी टीम यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का एहसास कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।"
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