लखनऊ। नगर निकाय चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार सुबह जहाँ लखनऊ शहर कांग्रेस अध्यक्ष दक्षिणी दिलप्रीत सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं देर शाम शहर अध्यक्ष उत्तरी अजय श्रीवास्तव "अज्जू" ने भी हाथ का साथ छोड़ दिया। अज्जू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जब कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद देश का तिरंगा भारत जोडो यात्रा के दौरान लाल चौक पर शांतिपूर्वक फहराया गया था और उन्होंने एक गैर राजनीतिक मंच (जोकिमहामना मालवीय मिशन व नारायण सेवा संस्थान लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान का मंच था) पर मैने इस कार्य का स्वागत किया था। वहाँ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उपराज्यपाल जम्मू कश्मीर का धन्यवाद किया था तो मुझे बीते 2 फरवरी को पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी।
अजय श्रीवास्तव "अज्जू" |
उन्होंने कहाकि अब जब उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में वोटो के लिये कुख्यात अपराधी व माफिया अतीक अहमद को कांग्रेस पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार द्वारा भारत रत्न देने की मांग की गई हैं। तो इन सभी घटनाओ से मुझे गहरा आघात लगा है। इसलिए मैं आज 150 साल पुरानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता एवं समस्त दायित्वों से त्यागपत्र देता हूँ। उन्होंने लिखा कि भविष्य में मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं अपना शेष जीवन नारायण सेवा संस्थान लखनऊ व अन्य राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित संगठनों से जुड़कर के समाज की सेवा करते हुये व गौ वंश के संरक्षण हेतु अपना जीवन समर्पित करूंगा।
गुरुवार सुबह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दिलप्रीत सिंह को भाजपा मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। बीते दिनों महानगर कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी के गठन के दौरान दिलप्रीत सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर सवाल उठाए थे। गौरतलब है कि वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में दिलप्रीत सिंह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के खिलाफ लखनऊ कैंट सीट से चुनाव भी लड़े थे।
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