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आकांक्षा की मौत पर भोजपुरी अभिनेत्री संजना पाण्डेय ने कही ये बात

खतरनाक साबित हो रही फ़िल्म इंडस्ट्री में जल्दबाजी - संजना पाण्डेय


लखनऊ। लड़कियां जब किसी नई इंडस्ट्री या फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करती है और कोई बैकअप नहीं है तो स्ट्रगल बहुत ज्यादा करना पड़ता है। स्ट्रगल के साथ साथ आपकी हिम्मत भी होनी चाहिये। मैंने सुना था आकांक्षा दुबे हिम्मती लड़की थी, एक बार मैं उनसे मिली भी थी, बहुत बोल्ड थी वो, मैं तीन दिन तक शॉक्ड रही, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आकांक्षा जैसी बोल्ड लड़की ऐसा कर सकती है। इससे ऐसा लग रहा कि आकांक्षा को बहुत ज्यादा सदमा लगा होगा उसको और वो खुद को संभाल नहीं पाई होगी और उसने ऐसा कदम उठाया होगा। ये कहना है भोजपुरी अभिनेत्री संजना पाण्डेय का। एक इवेंट में शामिल होने नवाबों के शहर लखनऊ पहुंची संजना ने "वॉयस ऑफ कैपिटल" संवाददाता शम्भू शरण वर्मा से खास बातचीत में कहाकि फ़िल्म इंडस्ट्री में हो रही ऐसी घटनाओं से मुझे ऐसा लगता है कि लड़कियों को बहुत ज्यादा स्ट्रांग होना पड़ेगा। मेरा मानना है कि लव, अफेयर प्यार सबको होता है। लेकिन प्यार मरने के लिए नहीं होता है बल्कि प्यार एक सहारा होता है, एक सपोर्ट होता है आगे बढ़ने के लिए न कि जान देने के लिए। मेरा मानना कि जिंदगी को इतना हल्के में न लीजिये, किसी के चलते, किसी के प्यार में पड़ के, अगर वो आपको नही मिल रहा है, एक्सेप्ट नहीं कर रहा है तो पीछे मत पड़ो, छोड़ दो उसे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में खेसारी लाल के एलबम से इस इंडस्ट्री में मेरी शुरुआत हुई थी। उस दौर में और आज के दौर में काफी फर्क पड़ गया है। उस वक्त टैलेंट को तवज्जो दिया जाता था, लेकिन आजकल जो लड़कियां एलबम में काम करने के लिए आ रहीं है उन्हें बहुत जल्दी है, फटाफट उनको नाम कमाना है, फटाफट सीढ़ी चढ़ना है। कहीं न कहीं जल्दबाजी ही खतरनाक साबित हो रहा है।
संजना पाण्डेय ने कहा कि मुझे आज तक जो भी कैरेक्टर मिला मैंने उसे बखूबी निभाया और अथक प्रयास किया कि बेहतर कर पाऊं जिससे ऑडियंस को रियल लगे न कि फेक लगे। भोजपुरी में बनावटी चीजे ज्यादा है। फिलहाल मेरे तीन प्रोजेक्ट वैष्णवी, बधइयां बाजे मोरे अंगना और सेनुर है। भोजपुरी ने मुझे बहुत प्यार दिया है। मैं जब इस इंडस्ट्री में आई थी तो ये सोंच कर आई थी कि भले ही मुझे स्ट्रगल करने में कई वर्ष लग जाये लेकिन मैं बेहतर सब्जेक्ट और जो मेरे हिसाब से करेक्टर मिलेगा वही करूंगी। इसलिए फिल्मों का चयन स्क्रिप्ट के अनुसार ही करती हूँ। संजना ने कहाकि मेहनत और लगन के साथ काम करने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है। धैर्य के साथ ईमानदारी से काम करते रहना चाहिए, सफलता अवश्य मिलती है।

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