अवधी लोकगीतों संग राजस्थानी घूमर नृत्य की मनोरम छटा बिखरी
लखनऊ। श्री रामलीला परिसर ऐशबाग में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2023 की दूसरी संध्या में अवधी लोकगीतों संग राजस्थानी घूमर नृत्य की मनोरम छटा बिखरी। कार्यक्रम का शुभारम्भ पूजा पान्डेय ने अवधी लोकगीत से कर "किशोरी से मिलने आए सखी रे मोर बन के...", "मीठे रस से भरी राधारानी...", "रसिया को नार बनाए रे..." सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पूजा पांडेय के गाए अवधी होली गीत "फगुनवा में रंग रस बरसे..." पर अखिल कश्यप, जितेंद्र, राहुल, दुर्गेश, गोपाल, हिमांशु, राज, मुस्कान पांडेय, सुमन यादव, जस्सी, निधि यादव, विशाल पांडेय, अनुष्का पाण्डेय और स्वरोही पांडेय ने फूलों से होली खेलते हुए आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया।ध्वनि फाउंडेशन एवं आशा नृत्यांगना फाउंडेशन के कलाकारों ऋचा तिवारी, अनुराधा यादव, मनीषा यादव, उदयन तिवारी, अर्थव, ओशनिक, अनन्या, रिद्धिमा, अद्विति, दित्या, मानवी, गरिमा और काशवी ने "ओ म्हारी घूमर छे नखराली ए..." गीत पर आकर्षक राजस्थानी घूमर नृत्य प्रस्तुत किया। आंचल समाजोत्थान सेवा समिति के कलाकारों खुशी और शालिनी ने गुरु वन्दना पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। आरती शुक्ला और सृष्टि मिश्रा ने "शिवै शिवम...", खुशी, शालिनी, सुप्रिया, सुदीक्षा अंशवी, समयुक्ता, माही एवं नान्हवी ने नये भारत का चेहरा गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर भारतीय संस्कृति की मनोरम छटा बिखेरी। भास्कर बोस के निर्देशन में नाटक राजा दुष्यन्त एवं शकुन्तला का मंचन हृदयस्पर्शी रहा। जिसमें शंकर पाल, सैमुल, संजीत मंडल, प्रिंस, अपर्णा, प्रिया पांडेय सहित अन्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
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