लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा)। मंदिरों में दर्शन पूजन के दौरान भक्त श्रद्धा भाव के साथ भगवान के चरणों में फूल अर्पित करते हैं। लेकिन बाद में यही फूल इधर उधर फेंक दिए जाते है या नदियों में बहा दिए जाते है जिससे नदियां भी प्रदूषित होती है। यह सब देख राजधानी के तीन युवाओं ने ऐसी तरकीब निकाली कि होली खुशबूदार होगी और भगवान का दरबार भी महकेगा। वेस्ट से बेस्ट बनाने की संग तीनों ने मंदिर में च,ढ़ाए गए फूलों से ऑर्गेनिक होली कलर व अगरबत्ती बनाना शुरू कर दिया। जिनसे हर कोई सीख ले सकता है। हम बात कर रहे है परेश पाण्डेय, प्रखर सोनी और रोहित रावत की। उन्होंने बताया कि वह नियमित हनुमान सेतु मंदिर और मनकामेश्वर मंदिर जाते रहते है। जहां चढ़े हुये फूलों को एकत्र देख मन में सोच जगी की वेस्ट फूलों बर्बाद होने से बचाये औऱ इसका सही उपयोग किया जा सकता है।
कल्याणपुर निवासी बीबीए के स्टूडेंट परेश पाण्डेय बताते है कि बीते वर्ष नवम्बर माह में उनके जन्मदिन पर कुछ दोस्तों ने फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। जो बाद में बासी होकर मुरझाकर बर्बाद हो जाते है। यह देख उन्होंने निर्णय लिया कि कुछ नया किया जाए। इस संबंध में जब परेश ने अपने मित्र प्रखर व रोहित से बात की तो उन्होंने भी पूरा सहयोग करने की बात कही। तीनों ने काफी मंथन किया कि वेस्ट फूलों का सही उपयोग कैसे किया जाए। इस दौरान तीनों सीमैप गए जहां उन्होंने वेस्ट फूलों से अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया देखी। वहीं सोशल मीडिया का भी सहारा लिया और ऑर्गेनिक होली कलर व अगरबत्ती बनाने की सोंची और इसके साथ ही बीते वर्ष दिसंबर माह में स्टार्टअप शुरू कर दिया। जिसे उन्होंने प्रोजेक्ट फ्लू नाम दिया है।
5 स्लम बस्तियों को लेंगे गोद, देंगे रोजगार
परेश, प्रखर व रोहित ने बताया कि होली का त्योहार नजदीक था इसलिए अभी उन्होंने ऑर्गेनिक होली कलर बनाया है। जल्द ही अगरबत्ती भी लांच करेंगे। इस स्टार्टअप के माध्यम से ये युवा 5 स्लम बस्तियों को गोद लेकर वहां रह रहे लोगों को प्रोजेक्ट फ्लू के तहत अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग देंगे। जिसके बाद उन्हें रोजगार भी मुहैया कराएंगे। वह बताते हैं कि भविष्य में उनकी योजना अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराने की है।
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