विद्युत कर्मियों द्वारा की जा रही 72 घंटे की हड़ताल एक दिन पूर्व ही खत्म
ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश में कहीं पर भी विद्युत व्यवधान हो उसे शीघ्र ठीक करने के दिये निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने सभी हड़ताली कर्मचारियों को तत्काल कार्यस्थल पर लौटने को कहा
उपभोक्ताओं की समस्याओं को प्राथमिकता से किया जाय दूर
शिकायतों के निस्तारण व कार्यों में शिथिलता पर होगी सख्त कार्यवाही
विद्युत कर्मचारियों की मांगों पर ऊर्जा मंत्री ने वार्ता कर सुलझाने का दिया आश्वासन
विद्युत कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमें होंगे वापस
बर्खास्त हुए सभी कर्मचारियों को किया जायेगा बहाल
ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल के दौरान कर्मियों पर की गयी कोई भी कार्यवाही को स्थगित करने के लिए चेयरमैन को निर्देश
सभी विद्युत कर्मी विभाग के हित में अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा, ईमानदारी व सत्यनिष्ठा से निर्वहन करेंगे : ऊर्जा मंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के द्वारा हड़ताल के दौरान कहीं-कहीं पर विद्युत व्यवधान से जनमानस को हो रही परेशानियों से बचाने के लिए लगातार किये गये प्रयासों से रविवार अपरान्ह 3 बजे विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल को वापस ले लिया। इस प्रकार 16 मार्च गुरूवार को रात्रि 10 बजे से शुरू हुई 72 घंटे की विद्युत कर्मियों की टोकन हड़ताल आज 19 मार्च रात्रि 10ः00 बजे से समयावधि पूरी होने के एक दिन पहले ही समाप्त हो गयी। हड़ताल कुल 65 घंटे तक चली।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और हड़ताल में शामिल संगठनों के पदाधिकारियों के बीच हड़ताल को समाप्त करने के लिए तीसरे दौर की वार्ता आज जल निगम के फील्ड हॉस्टल संगम में सुबह 10 बजे होनी थी, लेकिन संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे के समय पर न पहुंचने से वार्ता नहीं हो पायी। शैलेन्द्र दुबे निर्धारित समय से तीन घंटे पश्चात संगम पहुंचे। पुनः अपरान्ह 02ः30 बजे वार्ता के लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के संगम आने पर ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में वार्ता हुई, जिसमें यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम देवराज, प्रबंध निदेशक उत्पादन एवं वितरण पी गुरू प्रसाद, प्रबंध निदेशक यूपीपीसीएल पंकज कुमार भी मौजूद रहे।
वार्ता के दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सुबह से ही उम्मीद थी कि नागरिकों को परेशानी से बचाने के लिए आज हड़ताल खत्म हो जाय। किसी प्रकार से इस स्थिति तक पहुंचे और हड़ताल में शामिल कर्मियों एवं संगठनों को जनता के दुःख-दर्द का एहसास हुआ और उन्होंने आखिरकार सरकार की बात मानी। उन्होंने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं अन्य संगठनों के सदस्यों से कहा कि अभी से ही सभी हड़ताली कर्मचारी तत्काल अपने कार्यस्थल पर लौटें और अपने कार्य दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बहाल है। फिर भी प्रदेश में कहीं पर भी यदि विद्युत व्यवधान किसी कारण से अभी बना हो तो उसे शीघ्र दूर करने का प्रयास किया जाय, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही एवं कार्य में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र ही निदान किया जाय। उनकी शिकायतों के निस्तारण में हीला-हवाली ठीक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी विद्युतकर्मी विभाग के हित में अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा, ईमानदारी व सत्यनिष्ठा से निर्वहन करेंगे, जिससे कि प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से अग्रसर हो सके।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने संघर्ष समिति को आश्वस्त किया कि कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल के दौरान विद्युत कर्मियों द्वारा आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के उल्लंघन, विद्युत आपूर्ति बाधित एवं क्षतिग्रस्त करने पर उनके खिलाफ दर्ज ऐसे सभी मुकदमों को वापस लिया जायेगा। इस दौरान बर्खास्त किये गये सभी कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जायेगा। इसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देश दिये कि हड़ताल के दौरान कर्मियों पर की गयी सम्पूर्ण कार्यवाही को स्थगित करने की प्रक्रिया पूरी की जाय। वार्ता के दौरान उन्होंने विद्युत कर्मियों को यह भी आश्वासन दिया कि 03 दिसम्बर, 2022 को उनके साथ किये गये समझौते की मांगों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जायेगा। यह भी कहा कि उस समझौते में से कुछ मांगों को पूरा कर लिया गया है तथा कुछ पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
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