- योगी सरकार के बजट में नगरों के विकास पर खर्च होंगे 7 हजार करोड़ से ज्यादा
- प्रयागराज में आयोजित होगा अबतक का सबसे भव्य महाकुंभ, सरकार ने खोला खजाना
- बेसहारा पशुओं के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था
- पेयजल, सीवरेज के लिए पिछले बजट से इसबार मिला 180 प्रतिशत ज्यादा
- सॉलिड वेस्ट, शौचालय आदि के लिए 2707.86 करोड़ का प्रस्ताव
लखनऊ। योगी सरकार के बजट 2023-24 में नगरों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार इस वित्तीय वर्ष में शहरों में मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के लिए 7 हजार करोड़ से भी अधिक की धनराशि खर्च करेगी। इसके अलावा ढाई हजार करोड़ रुपये प्रयागराज महाकुंभ मेला-2025 के लिए खर्च किये जाएंगे। वहीं सरकार की ओर से बेसहारा पशुओं के लिए भी 100 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।
महाकुंभ के लिए ढाई हजार करोड़
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ मेला को अबतक का सबसे भव्य आयोजन बनाने के लिए योगी सरकार ने इसबार बजट में भारी भरकम पैकेज का ऐलान किया है। महाकुंभ के आयोजन के लिए बीते साल के बजट 2022-23 में जहां में 621.55 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये थे, वहीं इसके सापेक्ष इस बार बजट में योगी सरकार ने 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। योगी सरकार ने बेसहारा पशुओं के लिए भी बजट में अलग से प्रावधान किये हैं। कान्हा गोशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गोशाला निर्माण के लिए इस वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
पेयजल और सीवरेज के लिए 56 सौ करोड़ से ज्यादा
शहरों में मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वाटर बाडीज के लिए जहां वर्ष 2022-23 में 2000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था, वहीं इस साल के बजट में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5616 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शौचालय, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट के लिए 1356.36 करोड़ रुपये के सापेक्ष वर्ष 2023-24 के बजट में 2707.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ये लगभग 100 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।
नगरों की सड़कों के लिए पांच सौ करोड़ रुपये
सरकार ने नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। वहीं प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में मूलभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए अनुदान के रूप में 50 करोड़ रुपये की घोषणा की गयी है। साथ ही आकांक्षी नागर निकाय योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
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