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मातृभाषा को शिक्षा और व्यवहार में लाएं - विष्णु सदाशिव कोकजे

हिन्दी गौरव अलंकरण से अलंकृत हुए प्रो. संजय द्विवेदी और डा.राजपुरोहित

इंदौर में मातृभाषा उन्नयन संस्थान का प्रतिष्ठा प्रसंग समारोह सम्पन्न

इन्दौर। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा रविवार को आयोजित समारोह में भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी और साहित्यकार डा. भगवती लाल राजपुरोहित को 'हिन्दी गौरव अलंकरण' से अलंकृत किया गया। इन्दौर प्रेस क्लब के राजेन्द्र माथुर सभागृह में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे थे। उन्होंने कहा कि मातृभाषाओं का व्यवहार एवं शिक्षा में अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। हम ज्यादा से ज्यादा भाषाएँ सीखें किन्तु मातृभाषा का अनादर न होने दें। 
तेज करें बौद्धिक अभियान - प्रो. द्विवेदी

सम्मान से अलंकृत होने के पश्चात प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भाषाएं और माताएं अपने पुत्र-पुत्रियों के कार्यों से ही सम्मानित होती हैं। हमें भारतीय भाषाओं का गौरव बढ़ाने के लिए बौद्धिक प्रयत्न तेज करने होंगे। उन्होने कहा कि इक्कीसवीं सदी भारत की सदी है और इसका वाहक हमारी भाषाएं ही बनेंगी। हमारे बौद्धिक योद्धा इसे संभव बनाएंगे।
इस समारोह को सांसद शंकर लालवानी, प्रेस क्लब अध्यक्ष, मुस्कान भारतीय ने भी संबोधित किया। इस मौके पर नोएडा से कवयित्री पल्लवी त्रिपाठी, तेलंगाना से श्रीमन्नारायण चारी विराट, इंदौर से राकेश दांगी, छिन्दवाड़ा से भुवन सिंह धांसू एवं भोपाल से डॉ. अंशुल आराध्यम को काव्य गौरव अलंकरण प्रदान किया गया। स्वागत उदबोधन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' ने दिया, संचालन कवि अंशुल व्यास ने किया और अंत में आभार अमित मौलिक ने माना।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता सहित मध्यप्रदेश अध्यक्ष अमित मौलिक, कार्यकारणी सदस्य जलज व्यास, मयंक व्यास, मुकेश तिवारी, सूर्यकान्त नागर, डॉ योगेन्द्र नाथ शुक्ल, अश्विन खरे, प्रदीप जोशी, संजय त्रिपाठी, गिरेन्द्र सिंह भदौरिया प्राण, रामचंद्र अवस्थी, सुषमा दुबे, इन्दु पराशर, माला सिंह ठाकुर, नीलम तोलानी आदि उपस्थित रहे।

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