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पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए संवेदनशील होना चाहिए - स्वामी राघवाचार्य

श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गोर्वधन पूजा के साथ कृष्ण जी को लगाया गया छप्पन भोग

श्रीकृष्ण की बाल लीला सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

लखनऊ। निरालानगर स्थित माधव सभागार में मानसरोवर परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिन की शुरुआत हनुमान चालीसा के पाठ उपरांत व्यास पीठ पर विजमान जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य महाराज की आरती मुख्य यजमान महेश गुप्ता, लक्ष्मी गुप्ता की। श्रीमद् भागवत में जगतगुरु राघवाचार्य महाराज ने श्री कृष्ण बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग लीला कथा वर्णन किया। कथा का सुमिरन तथा महाराज जी का आशीर्वाद लेने लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ. नीरज बोरा, सचिन गुप्ता, राजेश गुप्ता पहुंचे।

स्वामी राघवाचार्य जी कहाकि जब-जब हमने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है तब तब हमें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। इसलिए हमें गोवर्धन गिरिराज पूजन से प्रेरणा लेकर पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए संवेदनशील होना चाहिए। प्रभु के मथुरा गमन लीला पर कुब्जा एवं सुदामा के प्रसंगों के माध्यम से कहा कि जीवन में हमें जो मिला है उसके लिए कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। जो नहीं मिला उसके लिए दुख नहीं करना चाहिए। जो एक दिशा में नहीं, इधर उधर भटकता है उसका जीवन खाली रह जाता है। व्यक्ति को हमेशा सात्विक संकल्प करना चाहिए और संकल्प शक्ति दृढ़ होनी चाहिए। 

कथा के दौरान सजीव झांकियां भी सजाई जा रही है। प्रवक्ता अनुराग साहू ने बताया कि छठे दिवस गुरुवार को स्वामी राघवाचार्य महाराज रुक्मणी विवाह, कृष्ण धर्म निरूपण एवं सुदामा चरित्र का वर्णन अपराहन 3 बजे से सांय 7 बजे तक करेगे।

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