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एक लेखक, 3200 पुस्तकें और पुस्तकों का संसार

युगऋषि का सद् साहित्य धर्म एवं अत्याध्यम के तत्व ज्ञान का वैज्ञानिक विश्लेषण करता है - उमानंद शर्मा

लखनऊ। बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में चल रहे उन्नीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में अध्यात्म से जुड़ी किताबों की भी ज्ञानगंगा बह रही है। मंच के ठीक सामने लगे गायत्री ज्ञान मंदिर के स्टाल में वेद, उपनिषद इत्यादि के संग पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण साहित्य की दो रुपये से लेकर हर मूल्य वर्ग में सैकड़ों किताबें पसंद की जा रही हैं। युग ऋषि द्वारा रचित सम्पूर्ण साहित्य प्रदर्शित किया गया है। उपरोक्त जानकारी स्टॉल प्रभारी उमानंद शर्मा ने दी। 
उन्होंने बताया कि ‘‘युगऋषि का सद्साहित्य धर्म एवं अत्याध्यम के तत्व ज्ञान का वैज्ञानिक विश्लेषण करता है धर्मतंत्र से लोक शिक्षण की प्रेरणा देता है।’’ वेद, पुराण, उपनिषद के साथ-साथ वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के विषय को प्रतिपादित करने वाला साहित्य छात्रों, महिलाओं, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, न्यायपालिका, कार्यपालिका वैज्ञानिक एवं धर्मतंत्र से जुडे़ हुए सभी के लिए ऋषि साहित्य की 3200 पुस्तकें प्रदर्शित की गयी हैं। जिसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग आ रहे हैं और अपनी पसंद की पुस्तकें क्रय भी जा रहे हैं।
अब तक आने वाले विशेष लोगों में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक शामिल हैं। वहीं पत्रकार, लेखक, शिक्षक, शिक्षिकायें, महिलायें, छात्र, छात्रायें, बुद्धजीवी वर्ग, जनप्रतिनिधि इत्यादि प्रतिदिन आ रहे हैं। गायत्री परिवार की ओर से स्टॉल पर मौजूद उमानंद शर्मा, पंचम सिंह यादव, देवेन्द्र सिंह, रोहित, एचडी मिश्रा, जितेन्द्र सिंह, शिवम, रिषभ इत्यादि कार्यकर्ता आने वाले लोगों को साहित्य की जानकारी दे रहे हैं। दो रूपये मूल्य का भी साहित्य उपलब्ध है।

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