- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा कन्नौज का इत्र
- कन्नौज के कारोबारियों ने ओडीओपी के तहत तैयार किया खास तरह का इत्र
- थकान, बेचैनी, कमजोरी दूर करने में लाभकारी है 'मेरी मिट्टी-75' इत्र
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में बन रहे उत्पादों को वैश्विक तौर पर पहचान मिल रही है। इसमें कन्नौज का इत्र उद्योग नित नए आयाम गढ़ रहा है। इससे प्रेरित होकर कन्नौज के इत्र कारोबारी ने दो ऐसे इत्र बनाए हैं जो वैश्विक स्तर पर खुशबू बिखेरने के साथ-साथ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगा। इतना ही नहीं, यह इत्र आपके दिल को दुरुस्त रखने के साथ कमजोरी को भी दूर करेगा।
चाय के साथ कर सकते हैं सेवन
कन्नौज की मेसर्स कन्नौज अतर्स के प्रबंधक पवन द्विवेदी ने हिंद शामामा नाम से एक इत्र को लांच किया। इस इत्र की खासियत है कि इसे सुगंध के लिए शरीर पर लगाने के साथ खाया भी जा सकता है। इसका सेवन चाय के साथ किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल करने से प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है, साथ में यह दिमाग को तरोताजा रखता है। इसे प्राकृतिक फूलों के साथ देश के विभिन्न राज्यों की करीब 35 जड़ी बूटियों, विभिन्न लकड़ियों, मसालों व तेल के मिश्रण से तैयार किया गया है। शामामा सबसे लंबे समय तक चलने वाले अतर इत्र में से एक है। यह संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर आदि खाड़ी देशों में व्यापक रूप से लोकप्रिय है।
इत्र बनाने में इसका किया गया इस्तेमाल
इत्र को बनाने में जम्मू कश्मीर के केसर संग जटामांसी, हिमाचल प्रदेश का कपूर कचरी संग देवदार की लकड़ी, राजस्थान की मिट्टी, गुजरात के कौड़ी लोबान, महाराष्ट्र के पचौली तेल, कर्नाटक के चंदन की लकड़ी, केरल का जायफल, इलायची, तमिलनाडु की लौंग, आंध्र प्रदेश के चंपा के फूल, उड़ीसा का केवड़ा, मध्य प्रदेश और वेस्ट बंगाल का नागरमोथा, असम का पचौली तेल और सुगंधमंत्री जाटमांसी आदि का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा कई अन्य प्रदेश की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल हिंद शामामा को बनाने में किया गया है।
दिल की धड़कन को सामान्य रखने में लाभकारी है मेरी मिट्टी-75
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ओडीओपी योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर कन्नौज निवासी शक्ति सैंडल वुड ऑयल डिस्टिलर्स एंड परफ्यूमर्स के प्रबंधक विवेक नारायण मिश्रा ने मेरी मिट्टी-75 इत्र को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर लांच किया। इस इत्र को पारंपरिक आसवन विधि द्वारा बनाया गया है। इसे 75 किलोग्राम मिट्टी की मदद से जल आसवन विधि द्वारा विकसित किया गया है। यह इत्र देश में पहली बार बनाया गया है। यह इत्र दिल की धड़कन को सामान्य रखने, बेचैनी, थकान, कमजाेरी में काफी लाभकारी है।
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