सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने ऑमिक्रॉन की जांच हेतु स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट "ओम" विकसित की
सीडीआरआई की आरटी-पीसीआर किट "ओम" ऑमिक्रॉन का पता लगाने के लिए जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) पर निर्भरता को कम करेगी
आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की पहल के तहत, सीडीआरआई ने एक स्वदेशी आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक किट "ओम" विकसित की
लखनऊ। जैसे-जैसे कोरोना वायरस उत्परिवर्तित (म्यूटेटेड) होता जा रहा है, उसके विभिन्न रूपों का निदान और उपचार करना और भी चुनौतीपूर्ण हो रहा है। ऑमिक्रॉन जैसा वेरिएंट, हालांकि लक्षणों की जटिलताओं और मृत्युदर के मामले में पूर्ववर्ती कोविड वेरिएंट जितना घातक नहीं है, परंतु यह एक सुपर स्प्रेडर कोविड वेरिएंट है जो दुनिया भर में जंगल की आग की तरह फैल रहा है।
वर्तमान में कोरोना वायरस के उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) का पता लगाना एस-जीन ड्रॉप आउट या पूरे वायरल जीनोम के एनजीएस (नेक्स्टजेन सीक्वेंसिंग या अनुक्रमण) जैसे परीक्षणों पर निर्भर करता है। एस-जीन ड्रॉप आउट विधि वेरिएंट के प्रकार की सटीक जांच नहीं कर पाती है वहीं एनजीएस (नेक्स्टजेन सीक्वेंसिंग) पद्धतिकी अपनी सीमाएं हैं जैसे ये बहुत अधिक मंहगी एवं अधिक समय में परिणाम देने वाली जटिल विधि है एवं इस प्रकार की जांच करने के लिए अत्याधुनिक लैब की अवशयकता है सभी जगह उपलब्ध नहीं है।
यह एक बड़ी आबादी हेतु जीनोम सीक्वेंसिंग (अनुक्रमण) की तुलना में ऑमिक्रॉन वेरिएंट की त्वरित और कम कीमत में प्रभावी जांच उपलब्ध करायेगी। इसके अलावा, इस स्वदेशी तकनीक को कोविड संक्रमण सहित अन्य और श्वसन संबंधी अन्य संक्रमणों का पता लगाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। डॉ गोयल ने आगे उल्लेख किया कि हमारी स्वदेशी फ्लोरोसेंट डाई और क्वेंचर तकनीक हमें भविष्य में उभरते अन्य संक्रमणों हेतु भी आरटीपीसीआर आधारित डिटेक्शन किट के विकास में हमें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
डॉ. श्रद्धा गोयनका, प्रबंध निदेशक बायोटेक डेस्क प्रा. लिमिटेड, हैदराबाद ने बताया कि चूंकि यह लहर अभी जारी है और हमारे पास अधिक समय नहीं है, ऐसे में आम आदमी की पहुँच के अंदर सीमित समय मे एक ऐसी सस्ती जांच किट तैयार करना एक बड़ा लक्ष्य है, चूंकि हम लंबे समय से आपूर्ति व्यवसाय में हैं, इसलिए हमारे लिए किट के सभी घटकों को रिकॉर्ड समय में प्राप्त करना संभव हो गया है जिस से हम फरवरी के मध्य तक अपनी किट, इंडिकोव-ओमTM (INDICoV-OmTM) को बाजार में उपलब्ध करा सकें । अब हम किट के लिए नियामक अनुमोदन (रेगुलेटरी अप्रूवल) और किट की असेंबली पर अपना पूरा धन केन्द्रित कर रहे हैं, और बाजार मैं जल्द रिलीज के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
अन्वेषकों की टीम: डॉ. अतुल गोयल, डॉ. नीति कुमार, डॉ. आशीष अरोरा, सुरभि मुंदड़ा, वर्षा कुमारी, कुंदन सिंह रावत एवं प्रियंका पाण्डेय
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