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भक्त की परीक्षा लेते हैं भगवान - अंकित जी महाराज

लखनऊ। आत्मा से परमात्मा का सीधा संबंध होता है। भक्त की भावना से भगवान प्रसन्न होते हैं। प्रभु जब भक्त पर कृपा दृष्टि डालते हैं तो इससे पहले उसका सब कुछ हरण कर लेते हैं। कृपा तो करते हैं, पर परीक्षा भी बहुत लेते, इसमें भक्त को अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। मयूर विहार सी ब्लॉक इंदिरा नगर में चल रहे सरस संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें व अंतिम दिन दिन रविवार को कथा व्यास अंकित जी महाराज ने भगवान व भक्त की मित्रता का वर्णन किया।

उन्होंने कहाकि भगवान जब देते हैं तो भक्त को चारों हाथों से लुटाते हैं और जब भगवान भक्तों की परीक्षा लेते हैं तो दीन-हीन, गरीब, अनाथ या फिर भीक्षु बनकर द्वार पर आकर याचना करते हैं। उस वक्त भगवान के दिए पदार्थों में से व्यक्ति उदारता से भिक्षा नहीं देता है तो भगवान नाराज होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को कुछ न भी दे सके तो चलेगा पर किसी का अपमान हो ऐसा व्यवहार कभी करना नहीं चाहिए। किसी का दिल दुखे, ऐसी घटना होने से पहले ही व्यक्ति को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। 

इस मौके पर मयूर विहार सोसायटी के अध्यक्ष योगेश सिंह, महासचिव सपन अस्थाना, संरक्षक मण्डल के धीरज श्रीवास्तव, अवनीश कुमार, आरके सिंह, डीपी सिंह, कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र चौधरी, राकेश सिंह, अखिलेश राय, अशोक शुक्ला, राजीव सिंह, विवेक पटेल, राजेश रंजन, समीर सिन्हा, योगेन्द्र सिंह, गोकुल लखमानी, घनश्याम मौर्य,  विक्रमादित्य सिंह, उमेश सिंह, सुरेश गौतम, सतेंद्र त्रिपाठी, अनुज श्रीवास्तव, वीपी सुनील, नागेंद्र भूसन पांडेय, धर्मेश भदौरिया, जीपी चौधरी सहित काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे। मयूर विहार सोसायटी के महासचिव सपन अस्थाना ने बताया कि सोमवार को हवन, पूर्णाहुति, आरती व भंडारे के साथ श्रीमद भागवत कथा का विश्राम होगा।

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