लख़नऊ। भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल सस्टेनेबल मोबिलिटी सेवा प्रदाता एल्स्टोम, जिसका व्यापक पोर्टफोलियो है, ने भारतीय रेलवे के लिए सफलतापूर्वक 100वें इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण और डिलीवरी की है। 2015 में हासिल किए 3.5 बिलियन के अनुबंध के तहत कंपनी फ्रेट सेवाओं के लिए 12,000 एचपी (9 मेगावाट) क्षमता के 800 पूर्ण इलेक्ट्रिक हाई-पावर्ड-डबल सेक्शन लोकोमोटिव्स की आपूर्ति करेगी, जो 120 किलोमीटर प्रति घण्टा की अधिकतम रफ़्तार पर 6000 टन की ढुलाई में सक्षम होंगे। यह भारतीय रेलवे सेक्टर में सबसे बड़ी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परियोजना है।
वित्तीय वर्ष 2020-2021 में, भारतीय रेलवे ने 1232 मिलियन टन की फ्रेट लोडिंग दर्ज की, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2 फीसदी अधिक थी। तेज़ गति की रेलों के साथ औसत गति में 83 फीसदी बढ़ोतरी के चलते कुल टर्नअराउण्ड टाइम में कमी आई है जिससे कोविड-19 के दौरान ज़रूरी चीज़ों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिल रही है।’’
मई 2020 में कमर्शियल सेवाओं के लिए पेश किए गए पहले Prima T8TM WAG-12B के साथ ये लोकोमोटिव भारत में हैवी फ्रेट परिवहन परिवेश में बदलाव ला रहे हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर्स (डीएफसी) सहित मुख्य फ्रेट रूट्स पर संचालन के लिए डिप्लाय किए गए Prima T8TM WAG-12B ई-लोकोस पहले से कोमोडिटीज़ की व्यापक रेंज में 4.8 मिलियन किलोमीटर कवर कर चुके हैं। इन लोकोमोटिव्स ने दिसम्बर 2020 में समर्पित फ्रेट कारीडोर के पहले पूर्ण संचालन का पहला रन भी पूरा किया। Prima T8TM WAG-12B ई-लोकोस द्वारा 17 राज्यों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों में कवर की जाने वाली कुछ मुख्य कोमोडिटीज़ में शामिल हैं - कोयला, सीमेंट, भोजन, अनाज, उर्वरक, पेट्रोरसायन उत्पाद, लवण, पोस्ट/पार्सल आदि।इस उपलब्धि पर बात करते हुए Alain SPOHR (Managing Director - Alstom India) ने कहा “मुझे यह बताते हुए बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद, हम एक साल से भी कम समय में भारतीय रेलवे को 100 ई-लोकोज़ बनाकर डिलीवर करने में सक्षम रहे हैं। अपनी तरह की पहली ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना पर का म करना हमारे लिए बेहद गर्व की बात है, जिसने देश में एक और आधुनिक तकनीक का मार्ग प्रशस्त किया है। भारतीय रेलवे के साथ हमारा सफल सहयोग देश में उन्नत नवाचार और प्रौद्योगिकी लाने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। एल्स्टोम भारतीय रेलवे को सुरक्षित, भरोसेमंद एवं प्रभावी समाधान उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है, जो इसे दुनिया का पहला 100 फीसदी ग्रीन रेलवे बनाने में योगदान देंगे।" देश में निर्मित इन पावरफुल ई-लोकोस के साथ, भारत हाई होर्सपावर वाले स्वदेशी लोकोमोटिव बनाने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है। परियोजना में दो अत्याधुनिक रखरखाव डिपो की स्थापना भी शामिल है- जो उत्तरप्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के नागपुर में हैं।
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