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DRDO की एक और सफलता, 75 रुपये में 75 मिनट में पता चलेगी एंटीबॉडी

नई दिल्ली। कोरोना मरीजों के लिए दवा 2 DG के आविष्कार के बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक और सफ़लता हासिल की है। डीआरडीओ ने कोविड 19 रोधी एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए कोरोना वायरस एंटीबॉडी डिटेक्शन किट तैयार की है। इस किट का नाम 'DIPCOVAN' बताया गया है। 

रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 75 मिनट में परिणाम मिल जाता है। किट की समापन अवधि 18 महीने की है। किट का विकास वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर किया गया है। वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स जून के प्रथम सप्ताह में उत्पाद को वाणिज्यिक रूप से लाएगी। किट की कीमत लगभग 75 रुपये रखे जाने पर सहमति बनी है। 

यह किट पूरी तरह स्वदेशी है और इसे यहीं के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इसके बाद दिल्ली के विभिन्न COVID अस्पतालों में 1000 से अधिक रोगियों के नमूनों पर व्यापक जांच के बाद इसका सत्यापन किया गया है। 

मंत्रालय ने कहा कि डिपकोवैन किट 97 प्रतिशत उच्च संवेदनशीलता तथा 99 प्रतिशत विनिर्दिष्टता के साथ तथा सार्स-कोव-2 वायरस के स्पाइक और न्यूक्लियोकैप्सिड-दोनों प्रोटीन का पता लगा सकती है। 


इसके जरिए SARS-CoV-2 वायरस के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (S&N) प्रोटीन का भी 97% की उच्च संवेदनशीलता और 99% की विशिष्टता के साथ पता लगाया जा सकता है। इसे दिल्ली स्थित वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है। 

बीते एक साल में इस किट के तीन बैच को वैधता प्रदान की गई है। अप्रैल 2021 में इस किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से मान्यता दी गई थी। अब मई में इस प्रोडक्ट को भारत ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से भी मंजूरी दे दी गई है। अब इस किट की खुले बाजार में बिक्री की जा सकती है। DIPCOVAN किट को तैयार करने का मकसद यह है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा का पता लगाया जा सके। इस किट की वैलिडिटी 18 महीने की होगी। इस किट को डीआरडीओ ने वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

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